कुछ पुराने गम ख़ुरेद दिए है मैने,
और गमो की लाशों को उठाए चले जा रहे है।
पलकों से अब तो आसूँ भी नही टपकते,
शायद इस प्यासी रूह को इसकी ज़रूरत थी।
आज की सुब और न आए तो क्या?
आज फ़िर वह चान्दनी मे साथ ना बैठे तो क्या?
और गमो की लाशों को उठाए चले जा रहे है।
पलकों से अब तो आसूँ भी नही टपकते,
शायद इस प्यासी रूह को इसकी ज़रूरत थी।
आज की सुब और न आए तो क्या?
आज फ़िर वह चान्दनी मे साथ ना बैठे तो क्या?
तेरे हथेली की उन लकीरों मे जो हम अपना नाम ढूँढते है,
वो नाम भी मिट जाए,हमारी किस्मत है।
अब ख्वाहिशें ही और नही उड़ती,
उन सितारों से जड़े आस्मा मे।
अब तेरी मेरी कहानियाँ नही बनती,
लफ़्ज़ सुख गए हैं....शायद आसुओं की आस मे।
और वो लाशें?
वो तो कबके दफ़ना दिए थे...
अब तो बस तस्वीरे रह गई है....
कुछ् परत सी जमी है उन पर,
साफ़ किया तो याद आया...
आसूँ वहीं गिर के सुख गए थे!
वो नाम भी मिट जाए,हमारी किस्मत है।
अब ख्वाहिशें ही और नही उड़ती,
उन सितारों से जड़े आस्मा मे।
अब तेरी मेरी कहानियाँ नही बनती,
लफ़्ज़ सुख गए हैं....शायद आसुओं की आस मे।
और वो लाशें?
वो तो कबके दफ़ना दिए थे...
अब तो बस तस्वीरे रह गई है....
कुछ् परत सी जमी है उन पर,
साफ़ किया तो याद आया...
आसूँ वहीं गिर के सुख गए थे!
just wrote an old poem of my blog......in hindi.....
and somehow it makes more sense...and seriously im a lil too vella...so doing all this
2 comments:
Great site loved it alot, will come back and visit again.
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Nice colors. Keep up the good work. thnx!
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