सुरमयी अंखियों में नींद ही तो नही आती।
बस देखती रेहती हैं,तकती रेहती हैं राहें...
कि सपना अब आयेगा की तब आयेगा।
अब उसकी याद ने दस्तक देना छोड़ दिया है....
अब तो बस आँधी सी आती है
और दरवाज़ा, खिड़किया सब उड़के चले जाते है
किसी और समय में....किसी और युग में
जहाँ मेरा प्यार ही उसका जहान था।
मेरे शब्द उस्की प्यास बुझाते थे.
बस देखती रेहती हैं,तकती रेहती हैं राहें...
कि सपना अब आयेगा की तब आयेगा।
अब उसकी याद ने दस्तक देना छोड़ दिया है....
अब तो बस आँधी सी आती है
और दरवाज़ा, खिड़किया सब उड़के चले जाते है
किसी और समय में....किसी और युग में
जहाँ मेरा प्यार ही उसका जहान था।
मेरे शब्द उस्की प्यास बुझाते थे.
मेरी और उसकी कहानी एक थी।
अब आँखे नींद से बन्द भी होती आए,
तो कुछ छुपे आँसू छलका जाते है...
सिमट के अभी भी होटों को छूते है और कहते है
"अब जीने से डर लगता है,
काश तेरे इन पंखुरियोँ में मैं सुख जाऊँ,
तो आँखें सो जये चैन से..."
3 comments:
i hate that 0 thoughts for me
one who writes so wonderfully, needs to be appreciated,
here i am my dear hagrid, i don't know what presence i've in ur life, but as innocent as harry's love can be, i love u truly
apsy, write something
why r u not talking to me???
m blue :(
now that u r feeling so good, how about a nice lovey-dovey post ;)
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